Facilities of railway employees
FACILITIES OF INDIAN RAILWAY EMPLOYEES
*रेलवे कर्मचारियों को रेलवे प्रशासन द्वारा निम्न सुविधाएं मुहैया करी जाती हैं।
1.आठ घंटे प्रतिदिन ड्यूटी करने के बाद सातवाँ दिन 24 घण्टे का Rest दिया जाता हैं।ऐसे स्टाफ़ को continiuos श्रेणी में रखा जाता हैं।clerk, SM(WAY SIDE),GUARD, DRIVER, TC, TTE आदि इसके अंतर्गत आते हैं।
2.कुछ कर्मचारियों की ड्यूटी 12 घण्टे की होती हैं।उन्हें सप्ताह में दो दिन का Rest मिलता हैं।इस तरह के स्टाफ Essential entermittant स्टाफ कहलाते हैं।Gate keeper, chowkidar इसके अंर्तगत आते हैं।
3.तीसरे प्रकार के स्टाफ को intensive groupमें रखा हैं जिन्हें 6 घण्टे का ड्यूटी बड़े ही सतर्क होकर करना पड़ता हैं।ये ट्रेन परिचालन नियंत्रण के रूप में काम करते हैं।इन्हें भी साप्ताहिक Rest दिया जाता हैं।जैसे-coaching controller.
4.इसमें excluded श्रेणी के स्टाफ आते हैं जिनका scheduled Rest निश्चित नहीं होता हैं और न ही roaster ड्यूटी होता हैं।इन्हें 24 घण्टे की जिम्मेवारी होती हैं और जब रेलवे को काम की जरूरत होती हैं उस समय इन्हें उपस्थित हो कर काम को निपटाने पड़ते हैं।जैसे-accident site, break down आदि।इस प्रकार के ड्यूटी के लिए सभी विभागों से स्टाफ nominate किये जाते हैं।
5.रेलवे कर्मचारियों को प्रत्येक वर्ष जुलाई के महीने में 3% का वेतन बृद्धि मिलता है।
6.साल में दो बार पहली जनवरी और पहली जुलाई को महंगाई भत्ता मिलता है। प्रत्येक दस साल पर वेतन आयोग का गठन होता हैं जो कर्मचारियों का वेतन पुनर्निरीक्ष कर वेतन बढ़ोतरी करता है।
7.रात्रि ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को night duty allowance मिलता है।यदि अपने हेडक्वार्टर से बाहर 8 km से ज्यादा दुरी पर ड्यूटी करने जाते है तो उन्हें यात्रा भत्ता मिलता है।
यदि कोई ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होती है तो उस समय दुर्घटना स्थल पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों को यात्रा भत्ता के साथ साथ diet allowance भी मिलता है।
8.अपने कार्यकाल के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके एक आश्रित को नौकरी दी जाती है और पत्नी को पेंशन मिलता है।
यदि कुछ समय बाद पत्नी की मृत्यु हो जाती है तो अविवाहित पुत्री या विधवा पुत्री को भी पेंशन मिलता है।
9.ऐसे कर्मचारी जिनकी सेवा पाँच साल पूरी नहीं हुई है तो साल में एक फ्री पास और चार सेट PTO मिलता हैं जिसमें एक तिहाई भाड़ा देना होता है।जिन कर्मचारियों की सेवा पाँच साल पूरा हो जाता है तो उन्हें साल में तीन फ्री पास और चार PTO मिलता है।
कर्मचारियों का बेटा बेटी कहीं बाहर पढ़ाई कर रहे होते हैं तो उन्हें अलग से educational pass मिलता है।
10.इलाज के लिए रेलवे का अपना health unit और अस्पताल होता है जिसमें कर्मचारीऔर उसके आश्रित को निःशुल्क उपचार होता है।
11.यदि कोई स्टाफ ड्यूटी के दौरान घायल हो जाता है तो तीन महीने तक पूरा वेतन मिलता हैं और साथ साथ उपचार भी होता है।
यदि तीन महीने से ज्यादा उपचार में लगता है तो उसके बाद कर्मचारी का अपना छुट्टी कटता है।परन्तु वेतन मिलते रहता है।
12.साल में 10 दिन का आकस्मिक छुट्टी मिलता है जो avail नहीं करने पर lapse हो जाता है।
साल में 30 दिन का अर्जित अवकाश मिलता हैं जो नहीं लेने पर जमा रहता है।
साल में 10 दिन sick leave मिलता है जो नहीं लेने पर जमा रहता है।
13.महिला कर्मचारी को पहले दो सन्तान के जन्म होने पर प्रत्येक संतान पर 730 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता हैं और पुरूष कर्मचारीको 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलता है।
14.वैसे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति group D में हुई हो और आजीवन कोई विभागीय प्रोमोशन न मिला हो ।तो वे अपने सेवा के अंतिम पाँच साल के अंदर स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले सकते है और उसके बदले में रेलवे उनके एक आश्रित को नौकरी देती है।
15.कर्मचारी के पहले दो संतान को पढ़ाई के लिए भत्ता मिलता है
16.यदि दूसरा issue के समय जुड़वां बच्चे का जन्म होता है तो पहले बच्चे के साथ साथ दोनों जुड़वे बच्चों को भी चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस मिलेगा।यदि कोई बच्चा दिव्यांग हैं तो उसे दोगुना भत्ता मिलता है।
17.रेलवे कर्मचारी अपने नौकरी के दौरान पहली पत्नी के रहते हुए दूसरा शादी नहीं कर सकता है।परन्तु यदि पहली पत्नी की मृत्यु हो जाती है तो वह दूसरी शादी कर सकता है तो दूसरी पत्नी के भी पहले दो संतान को चिल्ड्रेन एडुकेशन अलाउंस मिलेगा।साथ साथ यदि पत्नी रेलवे कर्मचारी है तो पुनः उसे प्रत्येक बच्चे पर 730 दिन का मातृत्व अवकाश और पुरूष कर्मचारी को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलेगा।महिला रेलवे कर्मचारियों के क्षेत्र में भी यह सुविधा मिलता है।यदि महिला कर्मचारी के पहले पति का मृत्यु हो जाता है तो वह दूसरी शादी कर सकती है।ततपश्चात उसके दूसरे पति को भी वह सारी सुविधाएं मिलेंगी जो पहले पति को मिल रहा था।
18.इसके अलावा वैसे कर्मचारी जो 01.01.2004 ईस्वी के पहले नियुक्त किए गए हैं उन्हें आजीवन पेंशन की सुविधा मिलता है और उनके मृत्युपरान्त उसके विधवा पत्नी को भी पेंशन मिलेगा।विधवा पत्नी के मृत्युपरान्त परिवार में यदि पूर्ण रूप से विकलांग पुत्र, अविवाहित पुत्री या विधवा पुत्री में से किसी एक को पेंशन देने का प्रावधान है।
19.कुछ ऐसे भी कर्मचारी होते हैं जो यूनियन के office bearer होते हैं उन्हें रेलवे के अधिकारियों के साथ मीटिंग हेतु साल में अधिकतम 6 दिन का विशेष अवकाश मिलता है।जैसे-informal meeting, PNM आदि।
20.ऐसे कर्मचारी जो खेल कुद में रुचि लेते है और रेलवे के तरफ से खेल प्रतियोगिता में भाग लेते हैं उन्हें प्रत्येक दिन second half में ड्यूटी न करा करके खेल का अभ्यास करने की छूट दी जाती है।इनको भी विशेष अवकाश का सुविधा मिलता है जब किसी प्रतियोगिता खेल में भाग लेते है।
21.किसी कर्मचारी का अपने कार्य स्थल से कहीं दूसरे जगह स्थानान्तरण किया जाता हैं तो तो उसे परिवार सहित ट्रांसफर पास मिलता हैं जिसकी वैलिडिटी दो महीने की होती हैं।घर के सामान की ढुलाई के लिए अलग से ट्रांसफर भत्ता मिलता है।
22.प्रत्येक कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय गंतब्य स्थान तक जाने के लिए फैमिली पास मिलता हैं जिसका वैलिडिटी तीन महीने तक का होता है।साथ ही साथ घरेलू सामान को भी शिफ्ट करने के लिए अलग से भत्ता मिलता है।
इसके अलावा भी और कई सारी सुविधाएं समयानुसार मिलते रहता है जो समयानुसार संसोधित होते रहते हैं।
*रेलवे कर्मचारियों को रेलवे प्रशासन द्वारा निम्न सुविधाएं मुहैया करी जाती हैं।
1.आठ घंटे प्रतिदिन ड्यूटी करने के बाद सातवाँ दिन 24 घण्टे का Rest दिया जाता हैं।ऐसे स्टाफ़ को continiuos श्रेणी में रखा जाता हैं।clerk, SM(WAY SIDE),GUARD, DRIVER, TC, TTE आदि इसके अंतर्गत आते हैं।
2.कुछ कर्मचारियों की ड्यूटी 12 घण्टे की होती हैं।उन्हें सप्ताह में दो दिन का Rest मिलता हैं।इस तरह के स्टाफ Essential entermittant स्टाफ कहलाते हैं।Gate keeper, chowkidar इसके अंर्तगत आते हैं।
3.तीसरे प्रकार के स्टाफ को intensive groupमें रखा हैं जिन्हें 6 घण्टे का ड्यूटी बड़े ही सतर्क होकर करना पड़ता हैं।ये ट्रेन परिचालन नियंत्रण के रूप में काम करते हैं।इन्हें भी साप्ताहिक Rest दिया जाता हैं।जैसे-coaching controller.
4.इसमें excluded श्रेणी के स्टाफ आते हैं जिनका scheduled Rest निश्चित नहीं होता हैं और न ही roaster ड्यूटी होता हैं।इन्हें 24 घण्टे की जिम्मेवारी होती हैं और जब रेलवे को काम की जरूरत होती हैं उस समय इन्हें उपस्थित हो कर काम को निपटाने पड़ते हैं।जैसे-accident site, break down आदि।इस प्रकार के ड्यूटी के लिए सभी विभागों से स्टाफ nominate किये जाते हैं।
5.रेलवे कर्मचारियों को प्रत्येक वर्ष जुलाई के महीने में 3% का वेतन बृद्धि मिलता है।
6.साल में दो बार पहली जनवरी और पहली जुलाई को महंगाई भत्ता मिलता है। प्रत्येक दस साल पर वेतन आयोग का गठन होता हैं जो कर्मचारियों का वेतन पुनर्निरीक्ष कर वेतन बढ़ोतरी करता है।
7.रात्रि ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को night duty allowance मिलता है।यदि अपने हेडक्वार्टर से बाहर 8 km से ज्यादा दुरी पर ड्यूटी करने जाते है तो उन्हें यात्रा भत्ता मिलता है।
यदि कोई ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होती है तो उस समय दुर्घटना स्थल पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों को यात्रा भत्ता के साथ साथ diet allowance भी मिलता है।
8.अपने कार्यकाल के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके एक आश्रित को नौकरी दी जाती है और पत्नी को पेंशन मिलता है।
यदि कुछ समय बाद पत्नी की मृत्यु हो जाती है तो अविवाहित पुत्री या विधवा पुत्री को भी पेंशन मिलता है।
9.ऐसे कर्मचारी जिनकी सेवा पाँच साल पूरी नहीं हुई है तो साल में एक फ्री पास और चार सेट PTO मिलता हैं जिसमें एक तिहाई भाड़ा देना होता है।जिन कर्मचारियों की सेवा पाँच साल पूरा हो जाता है तो उन्हें साल में तीन फ्री पास और चार PTO मिलता है।
कर्मचारियों का बेटा बेटी कहीं बाहर पढ़ाई कर रहे होते हैं तो उन्हें अलग से educational pass मिलता है।
10.इलाज के लिए रेलवे का अपना health unit और अस्पताल होता है जिसमें कर्मचारीऔर उसके आश्रित को निःशुल्क उपचार होता है।
11.यदि कोई स्टाफ ड्यूटी के दौरान घायल हो जाता है तो तीन महीने तक पूरा वेतन मिलता हैं और साथ साथ उपचार भी होता है।
यदि तीन महीने से ज्यादा उपचार में लगता है तो उसके बाद कर्मचारी का अपना छुट्टी कटता है।परन्तु वेतन मिलते रहता है।
12.साल में 10 दिन का आकस्मिक छुट्टी मिलता है जो avail नहीं करने पर lapse हो जाता है।
साल में 30 दिन का अर्जित अवकाश मिलता हैं जो नहीं लेने पर जमा रहता है।
साल में 10 दिन sick leave मिलता है जो नहीं लेने पर जमा रहता है।
13.महिला कर्मचारी को पहले दो सन्तान के जन्म होने पर प्रत्येक संतान पर 730 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता हैं और पुरूष कर्मचारीको 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलता है।
14.वैसे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति group D में हुई हो और आजीवन कोई विभागीय प्रोमोशन न मिला हो ।तो वे अपने सेवा के अंतिम पाँच साल के अंदर स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले सकते है और उसके बदले में रेलवे उनके एक आश्रित को नौकरी देती है।
15.कर्मचारी के पहले दो संतान को पढ़ाई के लिए भत्ता मिलता है
16.यदि दूसरा issue के समय जुड़वां बच्चे का जन्म होता है तो पहले बच्चे के साथ साथ दोनों जुड़वे बच्चों को भी चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस मिलेगा।यदि कोई बच्चा दिव्यांग हैं तो उसे दोगुना भत्ता मिलता है।
17.रेलवे कर्मचारी अपने नौकरी के दौरान पहली पत्नी के रहते हुए दूसरा शादी नहीं कर सकता है।परन्तु यदि पहली पत्नी की मृत्यु हो जाती है तो वह दूसरी शादी कर सकता है तो दूसरी पत्नी के भी पहले दो संतान को चिल्ड्रेन एडुकेशन अलाउंस मिलेगा।साथ साथ यदि पत्नी रेलवे कर्मचारी है तो पुनः उसे प्रत्येक बच्चे पर 730 दिन का मातृत्व अवकाश और पुरूष कर्मचारी को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलेगा।महिला रेलवे कर्मचारियों के क्षेत्र में भी यह सुविधा मिलता है।यदि महिला कर्मचारी के पहले पति का मृत्यु हो जाता है तो वह दूसरी शादी कर सकती है।ततपश्चात उसके दूसरे पति को भी वह सारी सुविधाएं मिलेंगी जो पहले पति को मिल रहा था।
18.इसके अलावा वैसे कर्मचारी जो 01.01.2004 ईस्वी के पहले नियुक्त किए गए हैं उन्हें आजीवन पेंशन की सुविधा मिलता है और उनके मृत्युपरान्त उसके विधवा पत्नी को भी पेंशन मिलेगा।विधवा पत्नी के मृत्युपरान्त परिवार में यदि पूर्ण रूप से विकलांग पुत्र, अविवाहित पुत्री या विधवा पुत्री में से किसी एक को पेंशन देने का प्रावधान है।
19.कुछ ऐसे भी कर्मचारी होते हैं जो यूनियन के office bearer होते हैं उन्हें रेलवे के अधिकारियों के साथ मीटिंग हेतु साल में अधिकतम 6 दिन का विशेष अवकाश मिलता है।जैसे-informal meeting, PNM आदि।
20.ऐसे कर्मचारी जो खेल कुद में रुचि लेते है और रेलवे के तरफ से खेल प्रतियोगिता में भाग लेते हैं उन्हें प्रत्येक दिन second half में ड्यूटी न करा करके खेल का अभ्यास करने की छूट दी जाती है।इनको भी विशेष अवकाश का सुविधा मिलता है जब किसी प्रतियोगिता खेल में भाग लेते है।
21.किसी कर्मचारी का अपने कार्य स्थल से कहीं दूसरे जगह स्थानान्तरण किया जाता हैं तो तो उसे परिवार सहित ट्रांसफर पास मिलता हैं जिसकी वैलिडिटी दो महीने की होती हैं।घर के सामान की ढुलाई के लिए अलग से ट्रांसफर भत्ता मिलता है।
22.प्रत्येक कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय गंतब्य स्थान तक जाने के लिए फैमिली पास मिलता हैं जिसका वैलिडिटी तीन महीने तक का होता है।साथ ही साथ घरेलू सामान को भी शिफ्ट करने के लिए अलग से भत्ता मिलता है।
इसके अलावा भी और कई सारी सुविधाएं समयानुसार मिलते रहता है जो समयानुसार संसोधित होते रहते हैं।
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