Posts

Showing posts from February, 2020

Facilities of railway employees

Image
FACILITIES OF  INDIAN RAILWAY EMPLOYEES  *रेलवे कर्मचारियों को रेलवे प्रशासन द्वारा निम्न सुविधाएं मुहैया करी जाती हैं। 1.आठ घंटे प्रतिदिन ड्यूटी करने के बाद सातवाँ दिन 24 घण्टे का Rest दिया जाता हैं।ऐसे स्टाफ़ को continiuos श्रेणी में रखा जाता हैं।clerk, SM(WAY SIDE),GUARD, DRIVER, TC, TTE आदि इसके अंतर्गत आते हैं। 2.कुछ कर्मचारियों की ड्यूटी 12 घण्टे की होती हैं।उन्हें सप्ताह में दो दिन का Rest मिलता हैं।इस तरह के स्टाफ Essential entermittant स्टाफ कहलाते हैं।Gate keeper, chowkidar इसके अंर्तगत आते हैं। 3.तीसरे प्रकार के स्टाफ को intensive groupमें रखा हैं जिन्हें 6 घण्टे का ड्यूटी बड़े ही सतर्क होकर करना पड़ता हैं।ये ट्रेन परिचालन नियंत्रण के रूप में काम करते हैं।इन्हें भी साप्ताहिक Rest दिया जाता हैं।जैसे-coaching controller. 4.इसमें excluded श्रेणी के स्टाफ आते हैं जिनका scheduled Rest निश्चित नहीं होता हैं और न ही roaster ड्यूटी होता हैं।इन्हें 24 घण्टे की जिम्मेवारी होती हैं और जब रेलवे को काम की जरूरत होती हैं उस समय इन्हें उपस्थित हो कर काम को निपटाने पड़ते हैं।ज

RAJA RAM MOHAN ROY

Image
Raja ram Mohan roy राजा राम मोहन राय, (जिन्हें "आधुनिक भारत का जनक" या "भारत में आधुनिक युग का निर्माता" भी कहा जाता है।) का जन्म 22 मई 1772 ई. में बंगाल के वर्धमान जिले के राधानगर गाँव के एक जमींदार परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम रमाकांत राय था जो ईस्ट इंडिया कंपनी में राजस्व पदाधिकारी थे। राजा राम मोहन राय की शिक्षा-दीक्षा पटना और बनारस में हुई। पटना में उन्होनें फारसी, अरबी और इस्लामी तत्व मीमांसा में दक्षता प्राप्त की, तथा बनारस में उन्होनें प्राचीन धर्मग्रन्थों का संस्कृत में अध्ययन किया। उन्हें धार्मिक सत्य की उत्कट जिज्ञासा थी। उन्होनें तिब्बत के लामा बौद्ध धर्म का भी गहन अध्ययन किया। इसके साथ ही वे दस भाषाओं में पूर्ण पारंगत थे।  1803 ई. में अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्होनें ईस्ट इंडिया कंपनी में नौकरी करना शुरू किया। किंतु 1814 ई. में उन्होनें कंपनी की नौकरी से त्यागपत्र देकर कोलकाता में रहना शुरू किया। वहाँ वे धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधार संबंधी कार्यो में व्यस्त हो गए।  1816 ई. में उन्होनें "आत्मीय सभा